वर्धमान शक्रस्तव

|| ॐ ह्रीं श्रीं अर्हं नमः ||
आओ, हम सब भी जुड़े शक्रस्तव महाअभियान में। पू. सिद्धसेनदिवाकरसूरी महाराजा ने शक्रस्तव के फलादेश में स्पष्ट रूप से लिखा है “व्याधयो विलीयन्ते” , “क्रूर जन्तवो अपि मैत्रीमया जायन्ते” अर्थात शक्रस्तव का पाठ करनेवाले व्यक्ति को महामारी (कोरोना जैसी) छू नहीं सकती व क्रूर स्वभाव वाले कीटाणु (कोरोना जैसे) भी कुछ नहीं कर सकते इसलिए,घर में रहते हुए हररोज अपने पूरे घर को पवित्र करने हेतु शक्रस्तव के इस पाठ को अवश्य Play करे व इसका जाप करे। अपने आसपास के धर्मप्रिय घरो में भी इसे अवश्य करवाए।